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बवासीर या पाइल्स या (Hemorrhoid / पाइल्स या मूलव्याधि) एक ख़तरनाक बीमारी है। बवासीर 2/3 प्रकार की होती है। आम भाषा में इसको ख़ूँनी और बादी बवासीर के नाम से जाना जाता है। कही पर इसे महेशी के नाम से जाना जाता है। 1. खूनी बवासीर :- खूनी बवासीर में किसी प्रकार की तकलीफ नही होती है केवल खून आता है। पहले पखाने में लगके, फिर टपक के, फिर पिचकारी की तरह से सिफॅ खून आने लगता है। इसके अन्दर मस्सा होता है। जो कि अन्दर की तरफ होता है फिर बाद में बाहर आने लगता है। टट्टी के बाद अपने से अन्दर चला जाता है। पुराना होने पर बाहर आने पर हाथ से दबाने पर ही अन्दर जाता है। आखिरी स्टेज में हाथ से दबाने पर भी अन्दर नही जाता है। 2. बादी बवासीर :- बादी बवासीर रहने पर पेट खराब रहता है। कब्ज बना रहता है। गैस बनती है। बवासीर की वजह से पेट बराबर खराब रहता है। न कि पेट गड़बड़ की वजह से बवासीर होती है। इसमें जलन, दर्द, खुजली, शरीर मै बेचैनी, काम में मन न लगना इत्यादि। टट्टी कड़ी होने पर इसमें खून भी आ सकता है।
चर्म यानि के त्वचा हमारे शरीर का सबसे बड़ा और सबसे विस्तृत अंग है जो हमारे पूरे शरीर को कवर करता है और इसकी शरीर में सरंचना बेहद जटिल होती है और यह एक तरह से हमारे शरीर के लिए रक्षाकवच का काम करती है क्योंकि इसके नीचे ही हमारे शरीर के तमाम अंग, रक्तवाहिकाएं, ग्रंथियां, कोशिकाएं छिपी रहती है | त्वचा हमारे शरीर को धुप और बाहरी कारको से बचाती है और एक तरह से यह हमारे लिए वाटरप्रूफ और गैसप्रूफ़ परत होती है जो सूरज की गर्मी और उसकी तेज रौशनी से होने वाले दुष्प्रभावों से भी शरीर की रक्षा करती है और साथ ही हमारे शरीर में लिए आवश्यक विटामिन ‘डी’ का निर्माण भी हमारे हमारी त्वचा के द्वारा सूर्य की गर्मी से होता है |
यह एक रोग है। गुदा द्वार [Rectum] पर एक प्रकार की फोड़ा से पैदा होकर यह गुदा द्वार के अन्दर तथा बाहर नली के रूप में घाव [Blind and open ulcers] पैदा करता है। इन्गिलिश भाषा [English] मे इसे फिस्चुला [Fistula] कहते हैं। यह फोड़ा कुछ दिनों में फूट जाता है और उसमें से मवाद तथा दूषित रक्त निकलने लगता है। यह फोड़ा कभी-कभी बहुत चौड़ा तथा गहरा होता है। इस फोड़े के कारण रोगी व्यक्ति को गुदाद्वार के पास बहुत तेज दर्द होता है। भगन्दर रोग होने का सबसे प्रमुख कारण यह है कि जब किसी व्यक्ति के मलद्वार के पास कोई फोड़ा बन जाता है और उसमें जब कई मुंह बन जाते हैं और रोगी व्यक्ति इस फोड़े से छेड़छाड़ करता है तो उसे यह रोग हो जाता है। अधिक चटपटी चीजें खाने के कारण मलद्वार के पास फोड़ा हो जाता है जो आगे बढ़कर भगन्दर का रूप ले लेता है।
पुरुषों का वह रोग जिसमें एक या दोनों अंडकोषों testes में पानी भर जाता है उसे हाइड्रोसील कहते हैं। हाइड्रोसील (Hydrocele) में अंडकोष में पानी भर fluid accumulation जाने से यह एक थैली की तरह फूल जाते हैं। यह एक साइड या दोनों साइड हो सकता है। नवजात शिशुओं में हाइड्रोसील होना आम है। गर्भ में बच्चे के विकास के दौरान, अंडकोष Testicle पेट से ट्यूब के माध्यम से अंडकोश की थैली (वृषणकोश scrotum) में उतरते हैं। हाइड्रोसील तब होता है जब यह ट्यूब बंद न हो। तरल खुले ट्यूब के माध्यम से पेट से नालियों से आता है और वृषणकोश में फंस जाता है। इस कारण वृषण फूल जाता है। बच्चों में यह जन्म के कुछ समय में ठीक हो जाता है। पुरुषों में इसका कारण टेस्टिकल के आस-पास अधिक फ्लूइड का निर्माण है जोकि बहुत अधिक बन रहा होता है यह ड्रेन नहीं हो रहा होता। यह टेस्टिकल या एपीडाईडेमिस उपर चोट लग जाने से भी हो सकता है। हाइड्रोसील के कारण इन्फेक्शन हो सकता है जिसके कारण तुरंत उपचार की ज़रूरत पड़ सकती है।
अक्सर होता क्या है की गुदा अर्थात मलद्वार में होने वाले रोगों को फिस्टुला या बवासीर समझा जाता है जबकि फिशर अर्थात गुदाचीर इनसे भिन्न ही मलद्वार की एक बीमारी है | इससे अनेक भाषाओँ जैसे अंग्रेजी में Fissure तो हिन्दी में गुदाचीर तथा संस्कृत में इसे अर्श के नाम से भी जाना जाता है जिसका शाब्दिक अर्थ रोग होता है ऐसा रोग जो शत्रु के समान व्यक्ति को हमेशा कष्ट देता रहे यह इसलिए कहा गया है इस रोग अर्थात बीमारी से ग्रसित रोगी को अत्याधिक दर्द होता रहता है सबसे सामान्य एवं बहु प्रचलित भाषा में इसे सूखी बवासीर के नाम से भी पहचाना जाता है ।
आप सब जानते ही हो की शराब सेहत के लिए कितनी हानिकारक होती है। ये इंसान को अन्दर से खोखला कर देती है। शराब की लत इतनी बुरी होती है की इंसान सब कुछ भूलकर हिंसा करने लगता है। ये शराब पीने की लत दिन प्रतिदिन बढती जाती है। शराब पिने से आँखों में कमजोरी होने लगती है। प्रजनन क्षमता कम होने लगती है और फेफड़े, किडनी एवं गुर्दे भी ख़राब हो जाते है। शराब पिने की लत इतनी खातरनाक साबित हो सकती है की ये बच्चों, पत्नी और पुरे परिवार पर असर डालती है। घर के बच्चों पर बुरा प्रभाव डालती है। दोस्तों शराब की लत को छुड़ाने के लिए आज हम आपको कुछ घरेलू नुस्खे और उपाय बता रहे है।
हमारी बिगड़ती जीवनशैली के कारण हमारा शरीर कई बीमारियों का घर बन गया है। इन्हीं बीमारियों में से एक है डाइबिटीज़ यानी मधुमेह। डाइबिटीज़ भले ही एक सामान्य बीमारी हो, लेकिन एक बार किसी को हो जाए, तो ज़िंदगीभर उसका साथ नहीं छोड़ती। किसी समय में यह बीमारी सिर्फ 50 साल से ऊपर के लोगों को होती थी, लेकिन आज हर कोई इससे ग्रस्त है। यहां हम आपको बता दें कि अगर मरीज़ अपनी जीवनशैली और खानपान का ख्याल रखे तो डाइबिटीज़ को संतुलित रखा जा सकता है।
एसिडिटी यानी पेट में गैस बनना एक आम समस्या है। इसके कारण पेट में दर्द, जलन, गैस बनना, डकारें आना, छाती में जलन, खाने के बाद पेट भारी लगना, खाना पचने में समस्या, भूख कम लगना, पेट भारी रहना और पेट साफ न होने जैसी समस्यायें एसिडिटी के कारण होती हैं। शराब पीने से, मिर्च-मसाला, तली-भुनी चीजें ज्यादा खाने से, राजमा, छोले, लोबिया, मोठ, उड़द की दाल के अलावा कोल्ड ड्रिंक के सेवन से पेट में एसिडिटी की समस्या अधिक होती है। कुछ लोग तो इससे बहुत परेशान भी रहते हैं। इसका कारण है अनियमित भोजन, तेल और मसालेदार खाने का अधिक सेवन। जो लोग नशे में लत होते हैं उनको भी यह समस्या होती है। अगर गैस या एसिडिटी है तो कभी भी व्यक्ति ब्लडप्रेशर या शुगर की बीमारी से ग्रस्त हो सकता है। ऐसे में व्यक्ति को उपचार के लिए कुदरती उपाय आजमाने चाहिए। अजवाइन सबके घर में आसानी से उपलब्ध होती है और यह तुरंत फायदा भी करती है
बढ़ा हुआ वजन न केवल आपके व्यक्तित्व और सेहत को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि यह आपके आत्मविश्वास के लिए भी नुकसानदेह होता है। कई तरीके आजमाने के बाद भी आपका वजन कम नहीं होता। तो, फिर आपको घबराने की जरूरत नहीं है, कुछ ऐसे घरेलू उपाय हैं, जिन्हें आजमाकर अतिरिक्त चर्बी से छुटकारा पा सकते हैं। बढ़ा हुआ वजन न केवल आपके व्यक्तित्व और सेहत को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि यह आपके आत्मविश्वास के लिए भी नुकसानदेह होता है। कई तरीके आजमाने के बाद भी आपका वजन कम नहीं होता। तो, फिर आपको घबराने की जरूरत नहीं है, कुछ ऐसे घरेलू उपाय हैं, जिन्हें आजमाकर अतिरिक्त चर्बी से छुटकारा पा सकते हैं।
आजकल बाल झड़ने की समस्या आम हो गई है। पुरुष हो या महिला हर कोई इससे परेशान है। साथ ही यह कहना भी गलत नहीं होगा कि इस समस्या के लिए हम ख़ुद जिम्मेदार हैं। इस अत्याधिक व्यस्त जीवन में समय बचाने के लिए हम प्राकृतिक संसाधनों की जगह, हम केमिकल युक्त उत्पादों का प्रयोग करते हैं, जिसका नकारात्मक प्रभाव हमारे बालों पर पड़ता है। बाल झड़ने के कारण हम गंजे तक हो जाते हैं। आज इस लेख के जरिए हम बात करेंगे बाल झड़ने के घरेलू उपायों के बारे में, जिनके प्रयोग से न सिर्फ आपके बाल मज़बूत होंगे, बल्कि उनकी प्राकृतिक चमक भी लौट आएगी। यकीन मानिए, ये घरेलू उपाय बेहद ही सरल हैं, लेकिन सबसे पहले जानते हैं उन कारणों के बारे में, जिनकी वजह से हमारे बाल कमज़ोर होकर टूट रहे हैं।
हड्डी औऱ जोड़ों का दर्द बहुत तकलीफदेह हो सकता है। हड्डी औऱ जोड़ों की बीमारियों से दर्द औऱ चलने-फिरने में परेशानी हो सकती है। इनमें से कुछ समस्याओं के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है। लेकिन अधिकांश समस्याएं दवाओं से ठीक हो जाती हैं। हड्डियों का दर्द और खिंचा-खिंचा महसूस होना-एक या एक से अधिक हड्डियों में दर्द या तकलीफ महसूस होना। हड्डियों का दर्द, जोड़ों के दर्द की तुलना में कम पाया जाता है। हड्डियों के दर्द का कारण स्पष्ट हो सकता है, जैसे-हड्डियां टूटना या अस्पष्ट हो सकता है, जैसे-कैंसर जो हड्डियों में फैल सकता है (मेटास्टासाइजेज)। ज्वाइंट पेन या आर्थ्राल्जिया को एक या अधिक जोड़ों के दर्द के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। यह जोड़ों के आस-पास के लिगामेंट, बसाइ या टेंडोंस में से किसी संरचना में चोट के कारण हो सकता है।
अगर आपको कोई सेक्सुअल समस्या या किसी भी तरह का गुप्त रोग है तो किसी थेरेपिस्ट या एक्सपर्ट से मिलें। कई बार लोग किसी विशेष लक्षण को बदनामी के डर से नरअंदाज कर देते हैं और दर्द झेलते रहते हैं। आप किसी भी तरह की सेक्स समस्या से परेशान हैं तो इन चार चीजों में से किसी एक का इस्तेमाल करें और सबसे अच्छी सेक्स लाइफ का आनंद उठाएं। यौन संचारित रोगों को लेकर लोगों के मन में कई बातें होती हैं। इनमें से कुछ सत्य होती हैं, तो कुछ केवल सुनी-सुनाई बातों पर आधारित होती हैं।
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